
🪔 नरक चतुर्दशी 2025: छोटी दिवाली का महत्व, पूजा विधि, कथा और शुभ मुहूर्त
नरक चतुर्दशी, जिसे छोटी दिवाली या रूप चौदस भी कहा जाता है, दिवाली से एक दिन पहले मनाई जाती है।
यह दिन बुराई और अंधकार पर अच्छाई व प्रकाश की विजय का प्रतीक है। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह त्योहार कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है।
इस वर्ष नरक चतुर्दशी 2025 की तिथि 19 अक्टूबर (रविवार) है।
🌸 नरक चतुर्दशी का पौराणिक महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने इसी दिन नरकासुर नामक राक्षस का वध किया था, जिसने 16,000 कन्याओं को बंदी बना रखा था।
नरकासुर का वध कर श्रीकृष्ण ने उन सबको मुक्त कराया और संसार को अन्याय और अंधकार से मुक्ति दिलाई।
इसलिए इस दिन को “नरक चतुर्दशी” कहा जाता है — यानी वह दिन जब नरक (पाप और अंधकार) का अंत हुआ।
💫 छोटी दिवाली का महत्व
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यह दिन शरीर, मन और आत्मा की शुद्धि का प्रतीक है।
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माना जाता है कि इस दिन प्रातःकाल तेल और उबटन से स्नान (अभ्यंग स्नान) करने से पाप नष्ट होते हैं।
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यह दिन रूप, स्वास्थ्य, समृद्धि और सौंदर्य बढ़ाने वाला माना गया है।
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इस दिन यमराज को जल अर्पण करने की परंपरा भी है, जिसे यम दीपदान कहा जाता है। इससे परिवार को अकाल मृत्यु से रक्षा और दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है।
🕉️ नरक चतुर्दशी की पूजा विधि (Puja Vidhi)
1️⃣ सुबह ब्रह्म मुहूर्त (सूर्योदय से पहले) उठें।
2️⃣ शरीर पर तिल या सरसों का तेल लगाकर अभ्यंग स्नान करें।
3️⃣ पूजा स्थल को साफ कर लक्ष्मीजी, भगवान श्रीकृष्ण और यमदेव की पूजा करें।
4️⃣ दीपक में तिल का तेल भरकर यमराज को जल अर्पण करें।
5️⃣ घर के मुख्य द्वार, रसोई, तुलसी चौरा और पूजा स्थल पर दीप जलाएँ।
6️⃣ शाम को घर में दीपों की रोशनी करें और परिवार के साथ उत्सव मनाएँ।
⏰ नरक चतुर्दशी 2025 का शुभ मुहूर्त
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तिथि प्रारंभ: 19 अक्टूबर 2025 (रविवार) प्रातः 4:10 AM
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तिथि समाप्त: 20 अक्टूबर 2025 प्रातः 2:55 AM
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अभ्यंग स्नान मुहूर्त: सुबह 5:30 AM से 6:40 AM तक
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दीपदान का समय: सूर्यास्त के बाद संध्या बेला में सबसे शुभ माना गया है।
(मुहूर्त स्थान अनुसार थोड़ा भिन्न हो सकता है। लखनऊ, दिल्ली, जयपुर आदि में यह समय लगभग समान रहेगा।)
🪔 क्या करें इस दिन
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घर की सफाई और सजावट करें।
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दीप जलाकर अपने जीवन में सकारात्मकता और प्रकाश लाएँ।
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अपने मन की नकारात्मकता, ईर्ष्या और भय को छोड़ें।
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ज़रूरतमंदों की सहायता करें — यही असली दीपदान है।
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परिवार के साथ समय बिताएँ और सभी को शुभकामनाएँ दें।
🌼 आध्यात्मिक संदेश (Spiritual Meaning)
नरक चतुर्दशी हमें यह सिखाती है कि –
“सच्चा प्रकाश तभी फैलता है जब हम अपने भीतर के अंधकार को मिटाते हैं।”
यह दिन केवल पूजा-पाठ का नहीं, बल्कि मन की शुद्धि और आत्म-जागृति का पर्व है।
हर दीपक जो आप जलाते हैं, वह सिर्फ़ घर को नहीं, आपके जीवन को भी उजाला देता है।
🎇 निष्कर्ष (Conclusion)
नरक चतुर्दशी 2025, दिवाली के उत्सव की शुरुआत है —
एक ऐसा दिन जो हमें याद दिलाता है कि हर अंधकार के बाद प्रकाश ज़रूर आता है।
इस छोटी दिवाली पर अपने जीवन में प्रेम, करुणा और प्रकाश का दीप जलाएँ।
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